“बारिश बनी आफत!” 63 मौतें, झेलम में बाढ़, सेना ने संभाली कमान

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

पाकिस्तान इस समय भयंकर मानसूनी बारिश और बाढ़ की चपेट में है। प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एजेंसी (PDMA) के मुताबिक, सिर्फ 24 घंटे में 63 लोगों की जान चली गई, जिनमें सबसे अधिक नुकसान पंजाब प्रांत में हुआ है।

चकवाल में रिकॉर्ड बारिश, झेलम में अचानक बाढ़

चकवाल में बीते दिन 400 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जिससे झेलम नदी में अचानक बाढ़ आ गई।
PDMA ने बताया कि इस साल अब तक सिर्फ पंजाब में ही 103 लोगों की मौत हो चुकी है।

बाढ़ का अलर्ट जारी, कमजोर घरों में न रहने की अपील

पीडीएमए प्रमुख ने कहा- “नदियों और नालों के पास रहने वाले लोग सतर्क रहें। मिट्टी और ईंटों से बने पुराने घर खतरे में हैं। कृपया सुरक्षित स्थानों पर जाएं।”

यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब कई ग्रामीण इलाके पानी में डूबे हुए हैं और जनजीवन अस्त-व्यस्त है।

सेना के हेलीकॉप्टरों से रेस्क्यू मिशन, 57 लोग बचाए गए

झेलम में आई बाढ़ के बाद सेना और रेस्क्यू टीमें हाई अलर्ट पर हैं। अब तक 57 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।

रेस्क्यू पंजाब के प्रवक्ता ने बताया कि झेलम के अलावा मियांवाली, रावलपिंडी, चकवाल, अटक, डीजी खान, राजनपुर, रहीम यार खान और लैयाह में भी बचाव अभियान चल रहे हैं।

800 बचाव नौकाएं, 15,000 से अधिक रेस्क्यूकर्मी तैनात

मानसून सीजन को देखते हुए सरकार ने 800 बचाव नौकाएं और 15,000 से ज़्यादा कर्मी विभिन्न ज़िलों में तैनात किए हैं। हर जिले में मेडिकल सपोर्ट, राहत कैंप और फूड सप्लाई की व्यवस्था की जा रही है।

जलवायु संकट की चेतावनी फिर हकीकत में बदली

बार-बार आने वाली बाढ़ और अनियमित बारिशें इस ओर इशारा कर रही हैं कि जलवायु परिवर्तन अब सिर्फ एक मुद्दा नहीं, बल्कि सीधा जीवन और मृत्यु का सवाल बन चुका है।

“बदलते मौसम की चेतावनियां अब TV तक सीमित नहीं रहीं, वो घरों तक घुस आई हैं।”

सरकार और लोगों की संयुक्त तैयारी ही बचा सकती है जान

पाकिस्तान इस समय एक प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है।
जहां सरकार और बचाव एजेंसियां पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं, वहीं स्थानीय लोगों को भी सतर्कता, सहयोग और साहस दिखाना होगा।

ईश्वर को त्याग बाबा को अपनाया, फिर पूछते हैं – समाज इतना गिर क्यों गया ?

Related posts

Leave a Comment